Kisi Se Unki Manzil Kaa Pata - Deepak Ram Lyrics
Singer | Deepak Ram |
किसी से उनकी मंज़िल का पता पाया नहीं जाता
जहाँ है वो वहाँ गम का साया नहीं जाता
किसी से उनकी मंज़िल का पता पाया नहीं जाता
फकीरी में भी मुझको मांगने में शर्म आती है
तेरे बनके अब मुझसे हाथ फैलाया नहीं जाता
किसी से उनकी मंज़िल का पता पाया नहीं जाता
मेरे टूटे हुए पेरो तलब का मुझ पे एहसान है
तेरे दर से अब उठके और जाया नहीं जाता
किसी से उनकी मंज़िल का पता पाया नहीं जाता
इबादत के लिए कुछ ख़ास दिल मख्सूस होते है
ये वो नगमा है जो हर साज पे गया नहीं जाता
किसी से उनकी मंज़िल का पता पाया नहीं जाता
जहाँ है वो वहाँ गम का साया नहीं जाता
किसी से उनकी मंज़िल का पता पाया नहीं जाता
जहाँ है वो वहाँ गम का साया नहीं जाता
किसी से उनकी मंज़िल का पता पाया नहीं जाता
फकीरी में भी मुझको मांगने में शर्म आती है
तेरे बनके अब मुझसे हाथ फैलाया नहीं जाता
किसी से उनकी मंज़िल का पता पाया नहीं जाता
मेरे टूटे हुए पेरो तलब का मुझ पे एहसान है
तेरे दर से अब उठके और जाया नहीं जाता
किसी से उनकी मंज़िल का पता पाया नहीं जाता
इबादत के लिए कुछ ख़ास दिल मख्सूस होते है
ये वो नगमा है जो हर साज पे गया नहीं जाता
किसी से उनकी मंज़िल का पता पाया नहीं जाता
जहाँ है वो वहाँ गम का साया नहीं जाता
किसी से उनकी मंज़िल का पता पाया नहीं जाता
Lyrics English
Kisi Se Unki Manzil Ka Pata Paaya Nahin Jaata
Jahaan Hai Vo Vahaan Gam ka Saaya Nahin Jaata
Kisi Se Unki Manzil Ka Pata Paaya Nahin Jaata
Phakiri Mein Bhi Mujhko Mangne Mei Sharam Aati Hai
Tere Banke Ab Mujhse Haath Failaya Nahin Jaata
Kisi Se Unki Manzil Ka Pata Paaya Nahin Jaata
Mere Toote hue Pero Talab Ka Mujhpe Ehsaan hai
Tere Dar Se Ab Uthke Aur Jaaya Nahin Jaata
Kisi Se Unki Manzil Ka Pata Paaya Nahin Jaata
Ibaadat Ke Liye Kuch Khaas Dil Makhsoos Hote Hai
Ye Vo Nagama Hai Jo Har Saaj Pe Gaya Nahi Jaata
Kisi Se Unki Manzil Ka Pata Paaya Nahin Jaata
Jahaan Hai Vo Vahaan Gam ka Saaya Nahin Jaata
Kisi Se Unki Manzil Ka Pata Paaya Nahin Jaata
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